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Friday, 2 December 2016

नोटबंदी अभियान:- नकदी की बहुतायत भ्रष्टाचार का बड़ा स्रोत: प्रधानमंत्री



नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में नकदी की बहुतायत को भ्रष्टाचार और काले धन का बड़ा स्रोत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लोगों से नकदी रहित लेन-देन की ओर बदलाव की राह पकड़ने की अपील की ताकि ऐसे मजबूत भारत की नींव रखी जा सके जहां इस तरह की समस्या के लिए कोई जगह नहीं रहे।

प्रधानमंत्री ने लिंक्डइन डॉट कॉम पर पोस्ट किए गए एक लेख में लिखा है, '21वीं सदी के भारत में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। भ्रष्टाचार विकास की गति धीमी करता है और गरीबों, नव-मध्यम वर्ग तथा मध्यम वर्ग के सपनों को तोड़ देता है।' 

भ्रष्टाचार और काले धन के खात्मे के उद्देश्य से 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट अमान्य करने के अपने आठ नवंबर के ऐतिहासिक फैसले का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में बहुतायत में नकदी की उपलब्धता भ्रष्टाचार और काले धन का एक बड़ा स्रोत है। इसके साथ ही मोदी ने एक बार फिर नकदीरहित
लेनदेन पर जोर दिया। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आप सबसे, खास कर अपने युवा मित्रों से नकदीरहित लेनदेन की ओर बदलाव करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने का अनुरोध करता हूं। इससे एक ऐसे भारत की मजबूत नींव तैयार होगी जहां भ्रष्टाचार और काले धन के लिए कोई जगह नहीं होगी। 

रधानमंत्री मोदी ने लेख में आगे कहा है कि आज हम मोबाइल बैंकिंग और मोबाइल वालेट के दौर में रह रहे हैं। खाने का ऑर्डर देना हो, फर्नीचर खरीदना और बेचना हो,  टैक्सी के लिए ऑर्डर देना हो .. यह सब कुछ तथा और भी बहुत कुछ आपके मोबाइल के माध्यम से संभव है। प्रौद्योगिकी हमारे जीवन में गति और सुविधा ले कर आई है।  अपने लेख के साथ मोदी ने क्रेडिट कार्ड जैसे नकदीविहीन विकल्पों के चित्र भी पोस्ट किए हैं। 

उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आपमें से ज्यादातर लोग कार्ड और ई वालेट का नियमित उपयोग कर रहे हैं और मुझे लगता है कि आपके साथ उन तरीकों को साझा करना चाहिए जिनसे नकदीविहीन लेनदेन में यथासंभव वृद्धि हुई है। 

मोदी ने कहा कि आठ नवंबर को किए गए फैसले ने भारत के आर्थिक बदलाव में केंद्रीय भूमिका रखने वाले छोटे व्यापारियों को एक दुर्लभ अवसर दिया है। 

उन्होंने कहा कि आज, हमारे व्यापारी समुदाय के पास खुद को अद्यतन करने तथा और अधिक प्रौद्योगिकी अपनाने का ऐतिहासिक अवसर है जो उनके लिए अधिक समृद्धि लाएगा। 












नोटबंदी अभियान :- नोटबंदी के लुटेरे, बढ़ा रहे हैं लोगों की मुश्किलें...




नोटबंदी के बाद से ही देश में नोटों की कमी चलते लोग परेशान हैं। वे परिशानियों का सामना करने के बाद भी कालेधन के खिलाफ चलाए जा रहे प्रधानमंत्री मोदी के इस अभियान में उनका साथ दे रहे हैं। एक ओर तो वे लोग हैं जो आम लोगों की मदद कर नोटबंदी के हीरो बनकर मानवीयता की मिसाल पेश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ वे भी हैं जो साम, दाम, दंड, भेद अपनाकर किसी भी तरह अपने कालेधन को सफेद करने में लगे हैं। ये लोग न सिर्फ सरकार की राह में परेशानियां पैदा कर रहे हैं बल्कि नए नोटों का भंडारण कर आम लोगों की मुश्किलों को और बढ़ा रहे हैं।  

नोटबंदी के फैसले के बाद से ही आयकर विभाग देश में लगातार छापेमारी कर उन लोगों पर शिकंजा कस रहा है जो पुराने नोटों से नए नोटों को बदल रहे हैं। यह सारा खेल कमीशन पर चल रहा है। इसमें काला धन रखने वाला  बगैर किसी परेशानी के तय रकम देकर अपनी पुरानी करेंसी को नई कर लेता है। केवल मध्यप्रदेश और छ्त्तीगढ़स में ही 40 स्थानों पर छापे मारकर आयकर विभाग ने 100 करोड़ रुपए की काली कमाई जब्त की है। 

आयकर विभाग ने बेंगलुरु में दो स्थान पर छापे मारकर 5 करोड़ रुपए के नए नोट बरामद किए हैं। ये ऐसे नोट हैं जो नोटबंदी के बाद हाल ही छपकर बाहर आए हैं। पता चला है जिन ठिकानों पर छापा मारा गया है,   वे पीडब्ल्यूडी के दो अधिकारियों के हैं। विभाग के मुताबिक छापे में 5 किलो सोना और 6 किलो सोने के आभूषण के बरामद हुए हैं। छापे के दौरान यहां से महंगी गाड़ियां भी मिली हैं। 

अभी कुछ दिन पहले ही होशंगाबाद में आईसीआईसीआई बैंक मैनेजर भाई से एक-एक हजार रुपए के पुराने नोट बदलवाने बिहार से इटारसी आए एक इंजीनियर आलोक कुमार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।  युवक के पास से बीस लाख 78 हजार रुपए जब्त किए गए थे। चेन्नई में एक भाजपा को नेता को भी 20 लाख के नए नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया। कभी कोई प्लेन में नकदी के साथ गिरफ्तार होता है तो कभी ट्रेन में किसी किसी के पास बड़ी संख्या में बड़े नोट मिलते हैं। हर राज्य में यह बड़ी समस्या बन गई है।   

एक ओर खाते में वेतन जमा होने के बाद भी करोड़ों लोग बैंकों से इसे नहीं निकाल पा रहे हैं। कई लोगों को मजबूरी में बैंकों से सड़े गले नोट लेकर काम चलाना पड़ रहा है। इन सबके पीछे भी देखा जाए तो नोटबंदी के
लुटेरे ही जिम्मेदार है जो हर हाल में फिर से अपनी जेबें भरने में लगे हैं। हर हाल में इन लोगों को सबक सिखाया जाना जरूरी है। ऐसे लोग जब तक नोटबंदी से शिक्षा नहीं लेंगे तब तक मोदीजी का नोटबंदी अभियान सफल नहीं हो सकेगा। 



























Wednesday, 30 November 2016

नोटबंदी: देशभर में कई जगहों पर तलाशी, 1.2 करोड़ की नकदी जब्त (नई दिल्ली, गुरुवार, 1 दिसंबर 2016)


नोट जमाखोरों की उड़ रही नींद, देखकर आयकर विभाग की तेजी से हो रही छापेमारी।

      एजेंसी ने नई दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में स्थित एक निजी बैंक के अधिकारियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। पुराने नोटों को बदलने में कथित अनियमितताओं के लिए आयकर विभाग ने हाल ही में इस बैंक की जांच की थी।  

अधिकारियों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने इस अभियान में लगभग 20 लाख रुपए मूल्य के पुराने नोट, एक करोड़ रुपए मूल्य के नए नोट व 50 लाख रुपए के विदेशी मुद्रा विनिमय से जुड़े कागजात जब्त किए हैं।

उन्होंने कहा कि पुराने नोटों की अवैध अदला बदली में लगे हवाला डीलरों व एक्सचेजों के यहां से सारी नकदी व दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। मामले की जांच की जा रही है। यह कार्रवाई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, गांधीनगर व बेंगलुरू में विभिन्न स्थानों पर की गई। 

पूर्वी भारत में जिन स्थानों पर तलाशी ली गई उनमें कोलकाता में छह, भुवनेश्वर, पारादीप व गुवाहाटी में दो दो जगह शामिल हैं।  

निदेशालय के अधिकारियों ने कोलकाता में एक चिकित्सक के परिसर से 10 लाख रुपए की नकदी नए नोटों में जब्त की है।  












Wednesday, 2 November 2016

भ्रष्टाचार पर हिन्दी में निबंध भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना

  

प्रस्तावना : भ्रष्टाचार अर्थात भ्रष्ट + आचार। भ्रष्ट यानी बुरा या बिगड़ा हुआ तथा आचार का मतलब है आचरण। अर्थात भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो।  








जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के मान्य नियमों के विरूद्ध जाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए गलत आचरण करने लगता है तो वह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है। आज भारत जैसे सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश में
भ्रष्टाचार अपनी जड़े फैला रहा है।  

आज भारत में ऐसे कई व्यक्ति मौजूद हैं जो भ्रष्टाचारी है। आज पूरी दुनिया में भारत भ्रष्टाचार के मामले में 94वें स्थान पर है। भ्रष्टाचार के कई रंग-रूप है जैसे रिश्वत, काला-बाजारी, जान-बूझकर दाम बढ़ाना, पैसा लेकर काम करना, सस्ता सामान लाकर महंगा बेचना आदि।